आज मेरा पलवल वो पलवल नहीं रहा है जो आज से कुछ साल पहले हुआ करता था. कल यानि शनिवार को काफी दिनों बाद पलवल के अलग अलग रोड से निकला तो मैं देखकर हैरान रह गया. जहा देखो वह Traffic ही Traffic . ओल्ड बाज़ार में जाओ या फिर बस स्टैंड चोक पर, रसूलपुर चोक को देखो या आगरा चोक को सब जगह बुरा हाल है. पलवल जैसी छोटी सी सिटी में (अब छोटी नहीं है ) ये Traffic सोचने वाली बात है. मुझे तू देख कर लगा की मैं दिल्ली के किसी भीड़ भाड़ वाले इलाके में आ गया हूँ. दिल्ली जसी सिटी में इतना ट्राफ्फिक हो तू देख सकते है. लेकिन दिल्ली में कम से कम Traffic रूल्स तो है वह की पुलिस सभी और Traffic पर नज़र रखती है और वह के लोग भी कुछ हद तक रूल्स का पालन करते है , किन्तु पलवल का क्या ?? Traffic वाले हो या ना हो लोगो को तो बस चलना है कोई rule नहीं बस चलते रहो.. पता नहीं कब यहाँ की पुलिस जागेगी और यहाँ के Traffic को सही करेगी, क्योंकि पुलिस सख़्त नहीं होगी तब तक लोग भी सही नहीं होंगे और ये तो हम लोगो की फितरत है हम जब तक सही काम नहीं करते जब तक कुछ pressure नहीं ...