आपको इश्क के इज़्हार से डर लगता है और हमें आपके इनकार से डर लगता है मेरे मासूम से बच्चे की आँख में आँसू ऐ ग़रीबी हमें त्यौहार से डर लगता है माँ मुझे अपने ही आँचल में छुपाये रखना ढाल को कब किसी तलवार से डर लगता है ये ही लूटेगा हमें जाके किसी कोने में हमको इस काफ़िला सालार से डर लगता है खुद बना देते हैं नेता इन्हें हम लोग यहाँ और कहते हैं कि सरकार से डर लगता है रचनाकार=मनु भारद्वाज