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Showing posts from 2012

Shri Shiva Chalisa ( श्री शिव चालीसा )

श्री शिव चालीसा || दोहा || श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान । कहत अयोध्यादास तुम, देहु अभय वरदान ॥ जय गिरिजा पति दीन दयाला । सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥ भाल चन्द्रमा सोहत नीके । कानन कुण्डल नागफनी के॥ अंग गौर शिर गंग बहाये । मुण्डमाल तन छार लगाये ॥ वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे । छवि को देख नाग मुनि मोहे ॥ मैना मातु की ह्वै दुलारी । बाम अंग सोहत छवि न्यारी ॥ कर त्रिशूल सोहत छवि भारी । करत सदा शत्रुन क्षयकारी ॥ नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे । सागर मध्य कमल हैं जैसे॥ कार्तिक श्याम और गणराऊ । या छवि को कहि जात न काऊ ॥ देवन जबहीं जाय पुकारा । तब ही दुख प्रभु आप निवारा ॥ किया उपद्रव तारक भारी । देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी ॥ तुरत षडानन आप पठायउ । लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥ आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा॥ त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई । सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥ किया तपहिं भागीरथ भारी । पुरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी॥ दानिन महं तुम सम कोउ नाहीं । सेवक स्तुति करत सदाहीं॥ वेद नाम महिमा तव गाई । अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥ प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला । जरे सुरासुर भये विहाला॥...

News Channel for Palwal District

FBD News, A channel for Palwal District . A good opportunity for Palwal , a historical city which has been totally ignored by media. I was at home for a week for some medical reasons and that time I watch tv a lot ( I am not TV loving guy ) and I notice that channel named FBD News. I glad to see a news channel totally dedicated to my city as i am also related to media ( I am a qualified journalist and User experience Professional ). A city like Palwal where crime rate has been increasing with very vast speed. Everyday 1 or 2 activity related to crime happened in city or around Palwal. Some time I feel that there is no Law & Orders for culprits who are not caring even the Police officials. At this time a news channel is the most valuable thing for our city. As a new Player these guys need to learn and improve lots of things in their channel, like news reader presentation, Reporters with excellent interview skills, Sound quality, news selection, and a lot, but as a new born b...

मिटाने के लिए दिन को अँधेरा रोज़ आता है

मिटाने के लिए दिन को अँधेरा रोज़ आता है उजाला बाँटने फिर भी सवेरा रोज़ आता है अभी भी प्यास धरती की उसे काफ़ी नहीं लगती बरसता ही नहीं, बादल घनेरा रोज़ आता है कभी अपने लिए दो-चार पल जीना नहीं चाहा तभी सबके लबों पर नाम तेरा रोज़ आता है प्रवासी पंछियों को प्यार दो, इनको डराओ मत हज़ारों मील चल कर कोई डेरा रोज़ आता है ? कटे उस पेड़ को तो हो गए हफ़्तों मगर अब भी परिन्दा ढूँढने अपना बसेरा रोज़ आता है रचनाकार = ओमप्रकाश यती

आपको इश्क के इज़्हार से डर लगता है

आपको इश्क के इज़्हार से डर लगता है और हमें आपके इनकार से डर लगता है मेरे मासूम से बच्चे की आँख में आँसू ऐ ग़रीबी हमें त्यौहार से डर लगता है माँ मुझे अपने ही आँचल में छुपाये रखना ढाल को कब किसी तलवार से डर लगता है ये ही लूटेगा हमें जाके किसी कोने में हमको इस काफ़िला सालार से डर लगता है खुद बना देते हैं नेता इन्हें हम लोग यहाँ और कहते हैं कि सरकार से डर लगता है रचनाकार=मनु भारद्वाज