Skip to main content

Posts

Showing posts from January, 2012

आपको इश्क के इज़्हार से डर लगता है

आपको इश्क के इज़्हार से डर लगता है और हमें आपके इनकार से डर लगता है मेरे मासूम से बच्चे की आँख में आँसू ऐ ग़रीबी हमें त्यौहार से डर लगता है माँ मुझे अपने ही आँचल में छुपाये रखना ढाल को कब किसी तलवार से डर लगता है ये ही लूटेगा हमें जाके किसी कोने में हमको इस काफ़िला सालार से डर लगता है खुद बना देते हैं नेता इन्हें हम लोग यहाँ और कहते हैं कि सरकार से डर लगता है रचनाकार=मनु भारद्वाज