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Showing posts from August, 2011

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by: ffffound

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from: /yimmyayo blog

अमरीका -अमरीका

हिलाओ पूँछ तो करता है प्यार अमरीका । झुकाओ सिर को तो देगा उधार अमरीका । बड़ी हसीन हो बाज़ारियत को अपनाओ, तुम्हारे हुस्न को देगा निखार अमरीका । बराबरी की या रोटी की बात मत करना, समाजवाद से खाता है ख़ार अमरीका । आतंकवाद बताता है जनसंघर्षों को, मुशर्रफ़ों से तो करता है प्यार अमरीका । ये लोकतंत्र बहाली तो इक तमाशा है, बना हुआ है हक़ीक़त में ज़ार अमरीका । विरोधियों को तो लेता है आड़े हाथों वह, पर मिट्ठूओं पे करे जाँ निसार अमरीका । प्रचण्ड क्रान्ति का योद्धा या उग्रवादी है, सच्चाई क्या है करेगा विचार अमरीका । तेरे वुजूद से दुनिया को बहुत ख़तरा है, यह बात बोल के करता है वार अमरीका । स्वाभिमान गँवाकर उदार हाथों से, जो एक माँगो तो देता है चार अमरीका । हरेक देश को निर्देश रोज़ देता है, ख़ुदा कहो या कहो थानेदार अमरीका । रचनाकार=बल्ली सिंह चीमा